नए ECINet डैशबोर्ड से लेकर मतदान केंद्रों की संख्या में बदलाव तक, मतदाताओं को मिलेगी नई सुविधाएं
उत्तराखंड: भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में मतदान प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के उद्देश्य से कई बड़े निर्णय लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने जानकारी दी कि अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की गई है। इसके अलावा, ऊंची इमारतों और कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और मतदाताओं को सुविधा मिलेगी।
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मृत्यु प्रमाण पत्र डाटा से सीधे अपडेट होगी मतदाता सूची
मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया को भी डिजिटल और सटीक बनाने के प्रयास किए गए हैं। अब मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे आरजीआई (RGI) डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद संबंधित नाम सूची से हटाए जाएंगे। इससे डुप्लीकेट या अमान्य नामों को हटाने में तेजी आएगी।
वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप होगी और भी उपयोगी
मतदाताओं को मतदान केंद्र पर उनकी जानकारी आसानी से मिल सके, इसके लिए वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप को और अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया जाएगा। अब इस स्लिप पर मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को स्पष्ट और प्रमुख रूप से दर्शाया जाएगा।
राजनीतिक दलों के साथ की गई 4700+ बैठकें
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और समावेशन सुनिश्चित करने हेतु आयोग ने देशभर के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ व्यापक चर्चा की। उत्तराखण्ड में सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और ईआरओ स्तर पर 70 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं। वहीं देशभर में कुल 4719 बैठकें आयोजित हुईं। जिनमें 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ECINet डैशबोर्ड: एक प्लेटफॉर्म, अनेक सेवाएं
भारत निर्वाचन आयोग ने एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म ईसीआईनेट (ECINet) की शुरुआत की है। इस नए डैशबोर्ड के ज़रिए 40 से अधिक ऐप्स और वेबसाइटों को एक ही जगह एकीकृत किया गया है, जिससे मतदाता और अन्य हितधारकों को सुविधा मिलेगी।
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डुप्लीकेट वोटर आईडी की समस्या को हल करने के लिए आयोग ने विशिष्ट EPIC नंबर प्रणाली लागू की है। इस नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक मतदाता को एक विशेष और सत्यापित पहचान संख्या दी जाएगी, जिससे दोहरी प्रविष्टियों की समस्या समाप्त होगी।
28 हितधारकों के लिए तैयार हो रहे ट्रेनिंग मॉड्यूल
चुनाव प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों जैसे मतदाता, राजनीतिक दल, उम्मीदवार, चुनाव अधिकारी आदि के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 व 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 व ECI के दिशा-निर्देशों के आधार पर विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं। इससे सभी हितधारकों की भूमिका और जिम्मेदारियों की स्पष्ट समझ सुनिश्चित होगी।
भारत निर्वाचन आयोग के नए फैसले न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि मतदाताओं की सुविधा और अधिकारों को भी प्राथमिकता देंगे। इन नवाचारों से लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।